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दैनिक लेखनी प्रतियोगिता -29-Jun-2022 होशियार बफादार कुत्ता

              "बचाओ बचाओ मुझे कोई तो बचाओ! देखो मुझे यह कहाँ लेकर जारहे है। " इतना कहकर योगी बुरी तरह रोने लगा।


       योगेश अपने जानी नाम के डागी को सुबह टहलाने आया था। हर रोज उसके साथ उसके दादाजी आते थे। आज दादाजी  किसी काम से बाहर गये हुए थे इस लिए योगी आज अकेला ही आया था।

    जौनी डागी अभी यही घूमते हुए ओझल ही हुआ था कि उसे योगी की आवाज सुनाई दी वह दौड़ता हुआ वहाँ पहुँच गया। उसने देखा कि  दो लोग योगी को पकड़ कर एक काले रंग की  कार में जबरजस्ती बिठारहे है और योगी चीख रहा था कि मुझे बचाओ। 

      कुछ समय बाद गाडी़ सडक पर दौड़ने लगी। जानी भी गाडी़ के पीछे दोड़ने लगा  कुछ हीदेर मे वह कार  एक घर में प्रवेश कर गयी। जानी ने गाडी़को उस में घुसते देखलिया था। अब वह वहाँ से उल्टा लौट कर अपने घर बापिस आगया।

        योगी की मम्मी ने जब अकेले जानी को देखा तब उन्हौने योगी को आवाज दी लेकिन वहाँ योगी तो था ही नही। योगी को न देखकर उनको चिन्ता होगयी।

      तबतक जौनी उनकी साडी़ अपने मुँह में पकड़कर खीचते हुए उनसे कुछ कहने की कोशिश करने लगा।

         योगी की मम्मी ने अपने पति को आवाज देकर बुलाया और बोली ,"  देखो योगी नहीं आया है और अपना जौनी मुझे कहीं खीचकर लेजारहा है। हमारा योगी कहीं किसी मुसीबत में है।

      योगेश के पापा ने अपना स्कूटर निकाला और जौनी के पीछे पीछे चलने लगे।

       जौनी  उनको एक  पुराने से मकान के पास लेकर गया और वही खडे़ होकर इशारा करने लगा। योगेश के पापा ने उसे वही बैठने का इशारा किया और वह वहाँ से चुप चाप स्कूटर लेकर निकल लिए।

      वह वहाँ से सीधे  पुलिस स्टेशन पहुँचे और वहाँ उनको अपने बच्चे के अपहरण की रिपोर्ट लिखवाकर उनको अपने साथ चलने को कहा।

       पुलिस वालौ को उसकी बातौ पर बिश्वास नहीं होरहा था। जब उसने उनसे बार बार चलने हेतु कहा तब वह तैयार होगये और बोले," देखो यदि तुम्हारी खबर झूँठी निकली तो समझ लेना। "

वह बोले," हमारा पालतू जानी वही बैठा है आप लोग जल्दी चलो वह लोग हमारे योगेश को वहाँ से कही और न लेजाय। "

       पुलिस वालौ ने अपने साथ दस सिपाही लिए और उसके साथ चल दिऐ।वहाँ पहुँचकर उन्हौने उस मकान को चारौ तरफ से घेर लिया। उस मकान के अन्दर बैठे लोगौ को नही मालूम था कि उनका मकान चारौ तरफ से घेर लिया गया है।

   कुछ पुलिस के जवान गेट के बाहर तैनात थे। कुछ जवान छत पर चढ़ गये थे। अब अन्दर आराम से बैठें गुन्डौ को कही से भागने का रास्ता नजर नही आरहा था।

       उसी समय गेट पर खडी़ पुलिस वैन से  लाऊडस्पीकर से मुनादी हुई कि तुम लोग सभी तरफ से घिर गये हो अब तुम सब आत्म समर्पण करदो अन्यथा हमें गोली चलानी पडे़गी।

       वह चोर नये थे वह जल्दी ही डर गये और उन्हौने बच्चे को आगे करके समर्पण कर दिया वह सब गिरफ्तार  कर लिए गये।और कानूनी कार्यवाही के बाद योगेश को उसके मम्मी पापा को सौप दिया गया।

      सभी लोग  आज उनके डागी की तारीफ कर रहे थे । आज उसके कारण ही  योगेश सही सलामत घर बापिस आगया और  चोर भी पकडे़ जा चुके थे।
 
       इस तरह एक कुत्ते की बफादारी से सब कुछ अच्छा होगया।

दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा "पचौरी "
29/06/2022
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7 Comments

Shrishti pandey

30-Jun-2022 08:59 PM

Very nice

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Abhinav ji

30-Jun-2022 07:34 AM

Very nice👍

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Reyaan

29-Jun-2022 08:02 PM

शानदार

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